न्याय के लिए दर-दर भटकने वाले गरीबों के लिएं आखरी उम्मीद की किरण कलेक्टर श्री गौतम सिंह,,,
न्याय के लिए दर-दर भटकने वाले गरीबों के लिएं आखरी उम्मीद की किरण कलेक्टर श्री गौतम सिंह,,,
मंदसौर लोकसेवा के यज्ञ में सेवा और समर्पण की आहुति से ही जनता का दिल कैसे जीता जाए इसकी झलक मन्दसौर जिला कलेक्टर श्री गौतम सिंह में देखने को मिल जाती है । मंदसौर जिला कलेक्टर श्री गौतम सिह ने जिले का चार्ज लेते ही लंबे समय से डिस्चार्ज पड़े सरकारी महकमे को भी चार्ज करना शुरू कर दिया है। जिसके कारण लंबे समय से बंद पड़ी जनसुनवाई में न्याय के लिए गरीबों का आने-जाने का सिलसिला शुरू होने लगा है। लंबे समय से जनसुनवाई में शिकायतों के बावजूद न्याय नहीं मिलने से दुखी आमजन जनसुनवाई का नाम तक लेना पसंद नहीं कर रहे थे परंतु नवागत कलेक्टर श्री गौतम के आने के बाद जिस प्रकार से जनसुनवाई के प्रकरणों में निराकरण होने में तेजी आई है उसके बाद लगातार जनसुनवाई में न्याय के लिए लोग पहुंचने लगे हैं जनसुनवाई में लोगों को अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है कलेक्टर श्री गौतम सिंह स्वयं समस्याओं को सुनते भी हैऔऱ समन्धित विभाग से तुरंत निराकरण करने के लिये कर्मचारियों अधिकारी यो की जवाबदेही भी तय कर रहे है हालांकि निचले स्तर पर अभी भी टालम टोल की खबरें सामने आ रही है ऐसा ही एक लापरवाही का मामला सीतामऊ तहसील से भी सामने आया है जहां जिला कलेक्टर के आदेश के बावजूद पीड़ित को अब तक न्याय नहीं मिला है बता देंगे पीड़ित ने जिला कलेक्टर के दरबार में अपनी पीड़ा सुनाते हुए परिजनों द्वारा धोखाधड़ी कर दे तक संपत्ति से वंचित करने की गुहार लगाई थी जिस पर कलेक्टर श्री गौतम ने संबंधित अधिकारी को मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे बावजूद पीड़ित को अब तक न्याय नहीं मिला है ऐसे में मंदसौर जिला कलेक्टर साहब को निचले स्तर की सर्जरी करना भी अति आवश्यक होती जा रही है । जिला कलेक्टर की पारदर्शी कार्यप्रणाली मन्दसौर जिले की जनता के लिये सुकून देने वाली खबर है परंतु निचले स्तर के कर्मचारी अभी भी बहाना बाजी कर रहे हैं। उधर नवागत कलेक्टर श्री गौतम के आने के बाद किसानों की समस्या हो या पंचायत स्तर तहसील कार्यालय या जिले की कोई भी परेशानी हो ज़िलाधीश महोदय स्वयं सुनते है लोगो को अब किसी से रिकमेंड की आवश्यकता ही महसूस नही होती आवेदक बिना किसी रोक टोक के जिला कलेक्टर से रुबरु होकर अपना दुखड़ा सुना रहे है परंतु जनता को इस बात का भी डर सता रहा है कि जिले के ईमानदार कलेक्टर साहब जिले की फैक्ट्रियों के गंदे नाले से दूषित होती राजनीति से कितने दिन लड़ पाते हैं ये आने वाले समय में देखने को मिल सकता है